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भोपाल , 16 सितंबर : भाषाः   विष्व की भीषणतम औद्यौगिक दुर्घटना ‘ भोपाल गैस रिसन त्रासदी ‘ पर स्त्री जीवन गहन भावनाओं का मानवीय पक्ष उजागर करती एक पुस्तक ने यह सवाल उठाया है कि त्रासदी की वजह से विधवा हुई स्त्रियों के लिए ‘ विधवा कालोनी ‘ बसाई गई , लेकिन लेकिन जिन नागरिकों ने अपनी पत्नियों को खोया , उनके लिए विधुर कालोनी क्यों नहीं बनाई गई ।          मनव अधिकारों की पैरोकार एवं नई पीढ़ी सषक्त हस्ताक्षर के रूप में विख्यात लेखिका स्वाति तिवारी की गैस त्रासदी पर स्त्री पीड़ा को उजागर करती नई पुस्तक ‘ सवाल आज भी जिन्दा हैं ‘ में यह सवाल षिद्दत से उठाया गया है कि विष्व की सबसे बड़ी औद्यौगिक दुर्घटना से जुड़े पहलुओं में महिलाओं की पीड़ा को क्यों अनदेखा किया गया है ।            शीघ्र ही किताबघरों में बिक्री के लिए उपलब्ध होने वाली यह पुस्तक एक ऐसा मनोवैज्ञानिक दस्तावेज भी हैं , जो त्रासदी के 27 साल गुजरने के बावजूद न्याय की तारीख का इंतजार