आज का विचार

क्या आप अपने बच्चों को रेस के घोड़ों की तरह सिर्फ भागने की प्रेक्टिस तो नहीं करवा रहे हैं ? जीवन की सुन्दरता जीवनको सहजता से जीने में हे यह भी समझाना जरुरी हे .एक ही जीवन में आप अगर भागते ही रहे तो जीवन के अनमोलपल कब हाथ से निकल गए ये पता ही नहीं चलेगा .क्या हम इस बारे अपने बच्चे से कभी बात करते हैं?
sahi kaha competetion ke jamane me bachpan kahin chhoot gaya to bhavishya khatre me pad jaayega
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही फरमाया अपने , पर लोग तो बस मशीन बन गए है
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