बेहतर दुनिया के लिए के लिए बेहतर शब्द चाहिए .शब्द पंखों की तरह हलके ,मुलायम, सुनहरे ,उर्जावान हों जो हमें दुनियाकी सैर करादें.जो नीले गगन से लेकर खुरदुरी जमीं पे भी लायें तो खुरदुरे पन का एहसास न हो .क्या हम गढ़ सकते हैं एसे शब्द?
बैंगनी फूलों वाला पेड़
बैंगनी फूलों वाला पेड़ चाणक्यपुरी वाला हमारा सरकारी बंगला , जहां दिल्ली , दिल्ली है ऐसा कम ही लगता। साफ - सुथरा वीआईपी एरिया। इतनी हरियाली दिल्ली के किसी और इलाके में शायद ही देखने को मिले। हमारे घर के सामने तो जैसे सघन अशोक वाटिका ही बनी थी। यह एक हरा - भरा सरकारी बगीचा है। बगीचे में तमाम तरह के पेड़ - पौधे हैं। पर मेरी . ष्टि में बगीचे में सबसे खूबसूरत पेड़ वही है जिसके ऊपर गर्मी - भर बैंगनी रंग के फूल खिलते हैं। हर बार जब भी वह पेड़ बैंगनी फूलों से लद जाता , मैं उसका नाम जानने को उतावली होती - कई बार किताबों , पत्र - पत्रिकाओं के पन्ने पलटती , शायद इस पेड़ का वर्णन या फोटो दिख जाए , पर आज तक नहीं जान पाई इसका नाम। लंबे तनेवाले इस पेड़ के शीर्ष पर फैले छोटे - छोटे जामुनी रंग के फूल और कलियों के गुच्छे मुझे किसी ग्रामीण स्त्री की वायल की फूलोंवाली चुनरी जैसे लगते। घर के बाईं तरफवाली खिड़की खोलते ही ध्यान उधर चला जाता। काफी बड़े क्षेत्र में पेड़ की छत्रछाया फैली हुई। गुलमोहर जैसे आकार - प्रकार के इस पेड़ पर तरह - तरह के पंछी अपना बसेरा बनाए रहते हैं। फागुन के बाद तपती दोपहर में जब...
बिल्कुल जी..गढ़ते चलिये. अनेक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंशब्द ऐसे हों जो निशब्द ना लगें, बाकी गढ़ने से तो भगवान गढ़ जाते हैं, फिर शब्द तो उसका दूसरा रूप ही होता है.
रत्नेश त्रिपाठी
swati ji ki anya kahaniya padhi thee. aaj achar.. padhkar unke shabd shilapankan se aur adhik prabhawit hua. swati ji aapko hardik badhai.niymit read karunga. ashok manwani,bhopal
जवाब देंहटाएंbehtar shabdo ka to khajana hai aapke paas tai ji.
जवाब देंहटाएं