आज का विचार
‘‘हिन्दू धर्म का वर्णन एक शब्द में इस प्रकार किया जा सकता है—उचित कार्य करना।’’
डॉ. एस. राधाकृष्णन
डॉ. एस. राधाकृष्णन
विचारों की एक नदी हम सब के अंतस में बहती है प्रवाह है कि थमने को तैयार नहीं और थमना भी नहीं चाहिये अंतस का यही प्रवाह तो अभिव्यक्ति का उदगम है बस थामे रहिये इस उदगम को विचारों का मंथन जाने कब कोई रत्न उगल दे विचारों कि यह नदी जाने कितने झरनों के साथ मेरे अंतर्मन में भी प्रवाहमान है जब तक है तब तक लिखना भी रोजमर्रा में शुमार है अभिव्यक्ति का आकाश भी अनंत है इस शीर्षक चित्र कि तरह रंग है तो उगते सूरज कि लालिमा पर शब्दों के अक्षत लगाते रहिये संभावनाओं के असीम आकाश पर स्वागत है आपका
वाह! एक नयी परिभाषा गढ़ दी आपने, अति सुन्दर, अति प्रभावशाली!
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